एसिडिटी के घरेलू उपाय

एसिडिटी के घरेलू उपचार 

परिचय:

आज की तेज़ रफ्तार भरी जिंदगी, अनियमित दिनचर्या, जंक फूड का बढ़ता चलन और मानसिक तनाव – ये सभी कारण बनते हैं एक आम लेकिन तकलीफदेय समस्या का - एसिडिटी

 इसे आम भाषा में 'अम्लपित्त' या 'छाती में जलन' भी कहते हैं। यह तब होता है जब पेट में बनने वाला अम्ल (एसिड) ज़रूरत से ज़्यादा हो जाता है या गलत समय पर बनता है।

अगर आप भी बार-बार खट्टी डकारें, पेट जलना, छाती में जलन, पेट फूलना या बदहजमी जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो ये 8 घरेलू उपाय आपके लिए वरदान साबित हो सकते हैं। ये उपाय न केवल सरल हैं बल्कि आपकी रसोई में ही मिल जाएंगे।

1. सौंफ (फेनिल) – पाचन की रक्षक

कैसे उपयोग करें: भोजन के बाद 1 छोटा चम्मच सौंफ चबाएं या इसे उबालकर चाय की तरह पिएं।

लाभ:

ü सौंफ पेट की गैस,

ü जलन और खट्टी डकारों में राहत देती है। 

ü यह पाचन तंत्र को शांत करती है।



2. तुलसी के पत्ते – प्राकृतिक एंटीसिड

कैसे उपयोग करें: 3-4 तुलसी के पत्ते खाएं या इन्हें गर्म पानी में उबालकर पी लें।

(तुलसी पत्र को कभी भी दातों से चबाएं नहीं, इसमे पारा होता है जो की दातों की ऊपरी सतह को खराब करता है)

लाभ:

ü तुलसी अम्ल को संतुलित करती है।

ü एसिडिटी से जल्दी राहत देती है।



3. धनिया का पानी – ठंडक और राहत

कैसे उपयोग करें: एक चम्मच धनिया (दाना) रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह छानकर पिएं।

लाभ:

ü धनिया पेट की गर्मी को कम करता है।

ü पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।



4. गुड़ – मीठा लेकिन लाभकारी

कैसे उपयोग करें: भोजन के बाद एक छोटा टुकड़ा गुड़ चूसें। (मधुमेह से परेशान लोग इसका प्रयोग न करें क्योंकि इससे रक्त शर्करा बढ़ने का खतरा होता है)

लाभ:

 गुड़ पाचन क्रिया को सुचारू करता है।
 पेट की जलन में राहत देता है।


5. छाछ (मठ्ठा) – दही का ठंडा रूप

कैसे उपयोग करें: एक गिलास ठंडी छाछ में थोड़ा सा सेंधा नमक, हींग और भुना हुआ जीरा पाउडर मिलाएं और भोजन के बाद पिएं।

लाभ:

ü छाछ पाचन में सहायक है।

ü पेट के एसिड को संतुलन में लाती है।

6. आंवला – त्रिदोष नाशक

कैसे उपयोग करें: रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच आंवला पाउडर या उसका 20 मि.ली. रस लें।

लाभ:

ü आंवला एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है।

ü पेट की सूजन और जलन को शांत करता है।



7. एलोवेरा जूस – ठंडी तासीर का वरदान         

कैसे उपयोग करें: 2-3 चम्मच एलोवेरा जूस सुबह खाली पेट लें।

लाभ:

ü यह पेट की सूजन, जलन और एसिडिटी को नियंत्रित करने में मदद करता है।

8. जीरा – पाचन तंत्र का सहायक

कैसे उपयोग करें:

एक चम्मच जीरा को उबालकर उस पानी को ठंडा करके पिएं या भोजन में जीरे का इस्तेमाल बढ़ाएं।

लाभ:

ü जीरा पेट की गैस

ü अपच

ü अम्लता में राहत देता है।



अतिरिक्त सुझाव:

ü भोजन समय पर करें और अच्छी तरह चबाकर खाएं।

ü ज़्यादा मसालेदार, तला हुआ और बासी खाना न खाएं।

ü रात में सोने से कम से कम 2 घंटे पहले खाना खा लें।

ü अधिक तनाव से बचें। योग और प्राणायाम करें।

ü रोज़ाना थोड़ा टहलना भी फायदेमंद है।

निष्कर्ष:

एसिडिटी एक आम लेकिन नजरअंदाज की जाने वाली समस्या है। अगर समय रहते घरेलू उपायों से इसे नियंत्रित किया जाए, तो दवाइयों की ज़रूरत नहीं पड़ती। आपकी रसोई में ही ऐसी कई चीजें मौजूद हैं जो इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकती हैं। ऊपर दिए गए उपाय सुरक्षित हैं, लेकिन अगर समस्या लगातार बनी रहे, तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

आपके स्वास्थ्य की रक्षक – आपकी रसोई!

आप भी ये उपाय अपनाएं और एसिडिटी को कहें अलविदा।

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