कब्ज के घरेलू उपाय
कब्ज यानी मल का समय पर और पूरी तरह से बाहर न निकल पाना।
यह आजकल की सबसे आम लेकिन
परेशान करने वाली समस्या बन चुकी है। इसका मुख्य कारण है:
1. अनियमित दिनचर्या,
2. फाइबर की कमी,
3.
पानी कम
पीना और
4. मानसिक तनाव।
कब्ज सिर्फ पेट की समस्या
नहीं है, यह
सिरदर्द, त्वचा की
खराबी, गैस, भूख न लगना, नींद न आना और
मानसिक चिड़चिड़ापन जैसे लक्षणों को भी जन्म देती है।
इस लेख में हम जानेंगे 8 ऐसे घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय, जो न सिर्फ कब्ज को दूर करेंगे बल्कि पाचन तंत्र को भी
मजबूत बनाएंगे।
1. गुनगुना पानी – सुबह की शुरुआत इससे करें
कैसे करें उपयोग:
सुबह उठते ही खाली पेट एक या दो गिलास गुनगुना पानी पिएं। चाहें तो उसमें थोड़ा नींबू रस मिला सकते हैं। गरम पानी में शहद ना मिलाए आयुर्वेद मे इसे विरुद्ध संयोग बताया गया है।
(शहद को किसी भी गरम आहार के साथ मिलाने से उसके गुण खत्म हो जाते है तथा वह विषाक्त हो जाता है)
इस प्रक्रिया को आयुर्वेद मे
ऊषा-पान कहा गया है। इसको पीने का सबसे सही समय ब्रम्ह मुहूर्त मे होता है यानि की
सूरज उगने के करीब 15-20 मि. पहले।
अगर कोई व्यक्ति 9-10 बजे या
उसके बाद सो कर उठता हो तो उसे केवल अपनी प्यास के हिसाब से आधे से एक गिलास तक ही कुनकुना पानी पिना चाहिए।
लाभ:
यह आंतों को साफ करने में
मदद करता है और मल त्याग में सहूलियत देता है।
2. त्रिफला चूर्ण – आयुर्वेद का अमृत
कैसे लें:
रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला
चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें।
त्रिफला तीन फलों (हरड़, बहेड़ा और आंवला) से बना होता है। यह शरीर के सभी अंगों पर कार्य
करता है पर यह अपने मल शोधक काम के लिए ज्यादा प्रचलित हो गया है।
लाभ:
यह मल को नरम करता है और
नियमित करता है।
3. इसबगोल की भूसी – फाइबर का खजाना
कैसे लें:
रात को सोने से पहले एक
गिलास गर्म दूध या पानी में 1-2
चम्मच इसबगोल मिलाकर पिएं।
या 1 गिलास पानी मे ईसबगोल
की भूसी 1 चम्मच डाल कर उबाल ले तथा आधा गिलास होने पर पियें।
यह पकने पर थोड़ा लस वाला या स्टिकी हो जाता है जिससे यह कई लोगों को नापसंद होता है। यह थोड़ा तीक्ष्ण प्रभाव वाला होता है व इसके गलत प्रयोग से कई लोगों को मरोड़ की तकलीफ भी हो जाती है।
तो अगर किसी को ज्यादा लंबे
समय से कडक मल होने की तकलीफ हो तभी इसका प्रयोग करे वरना त्रिफला बेहतर उपाय है।
लाभ:
यह मल को भारी बनाता है और
बाहर निकलने में सहायता करता है।
4. अरंडी का तेल (Castor Oil) – आयुर्वेदिक विरेचक
कैसे लें:
1-2 चम्मच
अरंडी का तेल गुनगुने दूध के साथ रात में लें। लेकिन इसका उपयोग कभी-कभार ही
करें।
बच्चों व गर्भवती महिलाओं
को न दें।
आम तौर पर 1 चम्मच तेल गुनगुने
दूध के साथ सुबह खाली पेट लेने से भी पेट साफ हो जाता है।
लाभ:
यह पेट की सफाई करता है और
पुरानी कब्ज को भी दूर करता है।
5. अंजीर और मुनक्का – मीठा लेकिन असरदार उपाय
कैसे लें:
2 अंजीर और 4-5 मुनक्का रात को पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट चबाकर
खाएं और ऊपर से वही पानी पी लें।
इसके रोजाना प्रयोग से एसिडिटी
भी काम होती है और खून मे हीमोग्लोबिन (लौह) की मात्रा को बढ़ाता है। इसके और भी कई फायदे
है।
लाभ:
इनमें प्राकृतिक फाइबर
होता है,
जो मल को मुलायम बनाता है और आंतों को सक्रिय करता है।
6. घी – पेट का मित्र
कैसे लें:
रात के भोजन में 1 चम्मच शुद्ध देसी घी लें या गुनगुने दूध में मिलाकर सोने
से पहले पिएं।
गाय का घी कोलेस्ट्रोल को नहीं
बढाता बल्कि पाचन शक्ति को बढ़ाता है जो शरीर मे घूम रहे टॉक्सिनस को भी पचा देता है।
लाभ:
घी आंतों को चिकनाई देता
है और मल निकासी में मदद करता है।
7. पपीता – पेट की सफाई का फल
कैसे खाएं:
रोजाना सुबह या रात को 100–150 ग्राम पका हुआ पपीता खाएं। डाइअबीटीज़ वाले रोगी कम मात्रा मे इसका सेवन करें ( पर इससे ज्यादा शुगर नहीं बढ़ाता है) ।
गर्भिणी इसका सेवन न करे।
लाभ:
यह पाचन को दुरुस्त करता
है और पेट को साफ रखने में मदद करता है।
8. हरड़ चूर्ण – कब्ज की रामबाण दवा
कैसे लें:
1 चुटकी हरड़ चूर्ण को
शहद या गर्म पानी के साथ रात को सोने से पहले लें।
यह बहुत कोमलता से शरीर मे
अपना काम करता है ओर रेगुलर इस्तेमाल किया जा सकता है।
हरड़ भी शरीर मे बहुत सारे कार्य
करता है, एक तरीके से शरीर को नया कर देने की शक्ति रखता है पर यह भी अपने मल शोधक
काम के लिए ज्यादा जाना जाने लगा है।
लाभ:
हरड़ कब्ज को दूर करने के
साथ-साथ पाचन अग्नि को बढ़ाती है।
अतिरिक्त सुझाव:
फाइबर युक्त आहार जैसे फल, सब्ज़ियाँ, साबुत
अनाज का सेवन करें।
पानी पर्याप्त मात्रा में
पिएं,
दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास। जरूरत से बहुत ज्यादा पानी पीना भी किड्नी को खराब कर सकता
है। इसलिए अपने शरीर की जरूरत के हिसाब से पानी पिए। 2-3 लीटर पानी शरीर के लिए काफी
है।
रोजाना टहलना या योग करना
पाचन के लिए फायदेमंद होता है। मंडूकासन, पवन मुक्तासन, बालासन का प्रयोग करे।
तनाव कम करें और समय पर
सोने की आदत डालें। 7-8 घंटे की नींद ले।
निष्कर्ष:
कब्ज कोई छोटी समस्या नहीं
है,
अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह आगे चलकर बवासीर, सिरदर्द, शरीर
में भारीपन और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है। ऊपर दिए गए उपाय न
सिर्फ सरल हैं बल्कि आपकी रसोई या घर में आसानी से उपलब्ध भी हैं।
आयुर्वेद
में कहा गया है – "विनियुक्तः मलः स्वास्थ्यं तिष्ठति।"
अर्थात, जब शरीर से मल समय पर बाहर निकलता है तभी स्वास्थ्य बना
रहता है।
इसके अलावा अब आप किस टॉपिक के बारे मे जानना चाहेंगे कमेन्ट मे बताए।
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